“हर बात ‘मैं’, ‘मुझे’, ‘मेरे बारे में’ — जब इंसान सिर्फ खुद को ही देखने लगता है”
🌿 परिचय (Introduction): आपने ऐसे लोगों को ज़रूर देखा होगा जो हमेशा अपनी ही बात करते हैं — हर बातचीत में “मैं”, “मुझे”, “मेरे साथ”… जो दूसरों की बातों को काटकर अपनी कहानी शुरू कर देते हैं, और जब कोई उनकी आलोचना करे, तो बुरी तरह नाराज़ हो जाते हैं। ऐसे लोग सिर्फ आत्मविश्वासी नहीं …
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