क्या आपने कभी सुना है कि कोई अचानक चलते-चलते गिर पड़ा और उसके पैर ने काम करना बंद कर दिया, लेकिन मेडिकल जांच में कुछ भी असामान्य नहीं मिला?
या कोई व्यक्ति अचानक अंधा हो गया, बोल नहीं पा रहा, लेकिन न्यूरोलॉजिकल टेस्ट नॉर्मल आए?
यह कोई दिखावा नहीं है, न ही यह झूठ है। यह रूपांतरण विकार (Conversion Disorder) या आम भाषा में कहें तो हिस्टीरिया (Hysteria) का एक उदाहरण है। यह एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें मानसिक तनाव या आघात (Trauma) शरीर में असली, लेकिन चिकित्सा जांच में अस्पष्ट लक्षण पैदा करता है।
आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
📌 लक्षण (Symptoms of Conversion Disorder)
रूपांतरण विकार में लक्षण शारीरिक होते हैं, लेकिन उनकी जड़ मानसिक तनाव में होती है।
1. मोटर (Motor) लक्षण – शरीर की गतिविधियों पर असर
- अचानक पैरालिसिस (लकवा) या कमजोरी – बिना किसी न्यूरोलॉजिकल कारण के।
- झटके आना (Non-Epileptic Seizures) – मिर्गी जैसे दौरे, लेकिन EEG रिपोर्ट नॉर्मल आती है।
- अनैच्छिक कंपकंपी (Tremors) – बिना किसी न्यूरोलॉजिकल कारण के शरीर कांपना।
2. संवेदी (Sensory) लक्षण – इंद्रियों पर असर
- अचानक अंधापन (Blindness) या सुनाई न देना (Deafness) – जबकि मेडिकल जांच में सब ठीक मिले।
- सुन्नपन (Numbness) या झुनझुनी (Tingling Sensation) – विशेष रूप से हाथ या पैरों में।
- अचानक बोलने की क्षमता खो देना (Mutism) – व्यक्ति को आवाज़ निकालने में दिक्कत होती है, लेकिन वोकल कॉर्ड सही होते हैं।
3. चलने और संतुलन की समस्या (Gait and Coordination Issues)
- बिना किसी कारण व्यक्ति लड़खड़ाने लगता है या गिर जाता है।
4. मनोवैज्ञानिक संकट (Psychological Symptoms)
- अत्यधिक तनाव, चिंता, या किसी गहरे आघात के बाद अचानक शारीरिक लक्षण प्रकट होना।
🔍 महत्वपूर्ण:
रूपांतरण विकार में व्यक्ति जानबूझकर झूठ नहीं बोलता। वे अपने लक्षणों को सच मानते हैं और गंभीर पीड़ा अनुभव करते हैं।
🔬 कारण (Etiology of Conversion Disorder)
रूपांतरण विकार का मुख्य कारण मानसिक तनाव का शारीरिक रूप में बदल जाना (Somatization of Stress) है।
1. गहरा मानसिक आघात (Psychological Trauma)
- बचपन में दुर्व्यवहार (Childhood Abuse) – शारीरिक, मानसिक या यौन शोषण।
- परिवार की समस्याएँ – माता-पिता में झगड़े, घरेलू हिंसा।
- कोई बड़ी दुर्घटना या सदमा (Post-Traumatic Stress Disorder – PTSD) – एक्सीडेंट, युद्ध, या किसी करीबी की मृत्यु।
2. दबा हुआ तनाव (Repressed Emotions)
- जब व्यक्ति भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता, तो शरीर उन्हें लक्षणों के रूप में दिखाता है।
3. ध्यान आकर्षित करने की अवचेतन इच्छा (Subconscious Need for Attention or Escape)
- कभी-कभी, यह एक अवचेतन (Subconscious) प्रयास होता है किसी कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने का।
🌍 महामारी विज्ञान (Epidemiology of Conversion Disorder)
- महिलाओं में पुरुषों की तुलना में 2-3 गुना अधिक पाया जाता है।
- किशोरावस्था और युवा उम्र (10-35 वर्ष) में अधिक आम।
- ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता कम है, वहाँ ज़्यादा मामले देखे जाते हैं।
📜 इतिहास (History of Hysteria & Conversion Disorder)
प्राचीन काल में हिस्टीरिया
- “Hysteria” शब्द ग्रीक शब्द “Hystera” (गर्भाशय) से आया है, क्योंकि पहले यह माना जाता था कि यह सिर्फ महिलाओं में होता है और इसका कारण गर्भाशय का असंतुलन है।
- हिप्पोक्रेट्स (Hippocrates) ने इसे “भ्रम की बीमारी” कहा था।
19वीं सदी में अध्ययन
- फ्रांसीसी न्यूरोलॉजिस्ट Jean-Martin Charcot और उनके शिष्य Sigmund Freud ने रूपांतरण विकार को गहराई से समझाया।
- फ्रायड ने इसे दबा हुआ तनाव और दबी इच्छाओं का परिणाम बताया।
आज, हम जानते हैं कि रूपांतरण विकार सिर्फ महिलाओं में ही नहीं, बल्कि पुरुषों और बच्चों में भी पाया जाता है।
🧠 रोगजनन (Pathogenesis of Conversion Disorder)
1. तनाव और भय का शारीरिक रूपांतरण (Somatization of Stress & Fear)
मस्तिष्क के एमिग्डाला (Amygdala) और प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (Prefrontal Cortex) में भावनात्मक तनाव का बढ़ना न्यूरोलॉजिकल डिसकनेक्ट पैदा करता है।
2. फंक्शनल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन (Functional Neurological Disconnect)
- इसमें मस्तिष्क और शरीर के बीच संचार में अस्थायी रुकावट आ जाती है।
- MRI और EEG में कोई ऑर्गेनिक डैमेज नहीं दिखता, लेकिन व्यक्ति को असली लक्षण महसूस होते हैं।
3. मानसिक और शारीरिक लक्षणों का चक्र (Vicious Cycle of Symptoms)
- व्यक्ति लक्षणों से घबरा जाता है → चिंता और बढ़ती है → लक्षण और बढ़ जाते हैं।
🩺 उपचार (Treatment & Management of Conversion Disorder)
1. मनोचिकित्सा (Psychotherapy) – सबसे प्रभावी उपचार
- कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) – नकारात्मक सोच को पहचानना और बदलना।
- ट्रॉमा थेरेपी – यदि बचपन के आघात का प्रभाव है, तो इसे संबोधित करना।
2. दवाएँ (Medications)
- यदि साथ में डिप्रेशन या चिंता है, तो एंटीडिप्रेसेंट्स या एंटी-एंग्जायटी दवाएँ दी जा सकती हैं।
3. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) और रिलैक्सेशन तकनीक
- यदि मांसपेशियों में कमजोरी है, तो धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधि बढ़ाने की जरूरत होती है।
📞 सहायता लें
अगर आप या आपका कोई करीबी रूपांतरण विकार से जूझ रहा है, तो मनोचिकित्सक से मदद लेना जरूरी है।
📍 Mind & Mood Clinic, Nagpur (India)
👨⚕️ Dr. Rameez Shaikh, MD (Psychiatrist & Counsellor)
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Dr. Rameez Shaikh (MBBS, MD, MIPS) is a consultant Psychiatrist, Sexologist & Psychotherapist in Nagpur and works at Mind & Mood Clinic. He believes that science-based treatment, encompassing spiritual, physical, and mental health, will provide you with the long-lasting knowledge and tool to find happiness and wholeness again.
Dr. Rameez Shaikh, a dedicated psychiatrist , is a beacon of compassion and understanding in the realm of mental health. With a genuine passion for helping others, he combines his extensive knowledge and empathetic approach to create a supportive space for his patients.