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मैनिया

मैनिया: एक विस्तृत परिचय

जब हम मैनिया (Mania) की बात करते हैं, तो यह बायपोलर डिसऑर्डर का एक चरण है जिसमें व्यक्ति असाधारण रूप से उर्जावान, उत्साहित या चिड़चिड़ा हो जाता है। इस दौरान मस्तिष्क में केमिकल असंतुलन होता है, जिससे व्यवहार और सोच में गहरा परिवर्तन आता है।

लक्षण और व्यवहार के उदाहरण:

  1. अत्यधिक ऊर्जा
    मरीज कई दिनों तक बिना थके रह सकता है।

    • एक व्यक्ति लगातार तीन दिनों तक बिना सोए काम करता रहता है, हर काम जल्दी-जल्दी खत्म करने की कोशिश में रहता है।
    • एक मरीज़ घर के हर कमरे की सफाई करता है और हर चीज़ को बार-बार व्यवस्थित करने की कोशिश करता है।
    • किसी व्यक्ति ने अचानक फैसला किया कि वह अपने घर का पुनर्निर्माण खुद करेगा और बिना किसी ब्रेक के काम शुरू कर देता है।
    • एक महिला कई अलग-अलग प्रोजेक्ट्स शुरू करती है – कुकिंग, पेंटिंग, सिलाई – और उन्हें एक साथ खत्म करने की कोशिश करती है।
    • कोई व्यक्ति हर किसी को कॉल करके उन्हें नई-नई योजनाओं के बारे में बताने की कोशिश करता है, बिना इस बात की परवाह किए कि सामने वाला सुनना भी चाहता है या नहीं।
  2. बातूनी होना और तेज़ बोलना
    ऐसे मरीज एकदम तेज़ी से बोलने लगते हैं।

    • एक मरीज क्लिनिक में लगातार 30 मिनट तक बिना रुके बोलता रहा, जैसे उसे हर एक बात तुरंत बता देनी हो।
    • कोई व्यक्ति अचानक सबके सामने भाषण देना शुरू कर देता है, भले ही उसे सुनने वाला कोई न हो।
    • एक महिला दोस्तों के साथ होने पर इतनी तेज़ बोलने लगती है कि कोई और कुछ भी नहीं कह पाता।
    • एक व्यक्ति एक ही सवाल के जवाब में कई तरह की बातें बताने लगता है, जैसे उसकी सोच एक ही जगह पर नहीं टिक रही हो।
    • किसी ने एक कैफे में बैठे-बैठे ही अजनबियों से बात करना शुरू कर दिया, अपनी सारी योजनाएं उन्हें बता दीं।
  3. अत्यधिक आत्मविश्वास और भव्यता (Grandiosity)
    मैनिया के दौरान मरीज खुद को किसी भी काम में बेस्ट समझने लगता है।

    • एक व्यक्ति कहता है, “मैं अगला बिल गेट्स बनूंगा, बस मुझे एक मौका चाहिए।”
    • एक मरीज का कहना था, “मैं प्रधानमंत्री से भी बेहतर नेता बन सकता हूँ, ये तो आसान काम है।”
    • एक आदमी सोचता है कि उसे अब नौकरी की ज़रूरत नहीं है क्योंकि वह अपने दम पर लाखों कमा सकता है।
    • एक महिला कहती है, “मैं दुनिया की सबसे बड़ी फैशन डिज़ाइनर बनने वाली हूँ, इसमें कोई शक ही नहीं।”
    • किसी मरीज का विश्वास था कि वह बिना किसी अनुभव के डॉक्टर बन सकता है, क्योंकि “सब कुछ इंटरनेट पर है।”
  4. गैर-यथार्थवादी योजनाएं
    इस दौरान लोग बड़ी योजनाएं बनाते हैं, जो संभव नहीं होतीं।

    • एक व्यक्ति ने कहा कि वह तीन दिनों में अपनी खुद की कंपनी शुरू करेगा, बिना किसी योजना या पूंजी के।
    • किसी ने सोचा कि वह एक हफ्ते में 10 देशों की यात्रा करेगा, बिना किसी वीजा या तैयारी के।
    • एक महिला ने फैसला किया कि वह अपनी बचत से नया बिज़नेस शुरू करेगी, जबकि उसके पास कोई स्पष्ट योजना नहीं थी।
    • एक आदमी ने तय किया कि वह अगले महीने तक करोड़पति बन जाएगा, सिर्फ इसलिए कि उसे एक ‘आइडिया’ मिला है।
    • किसी मरीज ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में विश्व रिकॉर्ड तोड़ देगा, बिना किसी प्रशिक्षण के।
  5. चिड़चिड़ापन और आक्रामकता
    यदि कोई मरीज़ के प्लान या विचारों को चुनौती दे, तो वे बहुत जल्दी गुस्सा हो सकते हैं।

    • एक मरीज ने अपने परिवार पर गुस्सा किया क्योंकि उन्होंने उसकी योजना को ‘समझा नहीं।’
    • किसी ने सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त अचानक गुस्से में हॉर्न बजाना शुरू कर दिया क्योंकि वह ट्रैफिक से परेशान हो गया था।
    • एक व्यक्ति ने क्लिनिक में डॉक्टर पर चिल्लाना शुरू कर दिया क्योंकि उसने उसकी बात बीच में रोकी।
    • एक महिला अपने दोस्त से बहस करने लगी क्योंकि वह उसकी नई योजना का मज़ाक उड़ा रहा था।
    • किसी मरीज ने अचानक अपना काम छोड़ दिया और बॉस पर चिल्लाने लगा, क्योंकि उसे लगा कि उसे कम आंका जा रहा है।
  6. कम नींद या नींद की कमी
    मैनिया में मरीज को कम नींद की जरूरत महसूस होती है। वे तीन-चार घंटे की नींद लेकर भी ताजगी से भरपूर होते हैं।

    • एक मरीज़ तीन दिनों से सोया नहीं था, फिर भी उसे थकान महसूस नहीं हो रही थी।
    • एक व्यक्ति रोज़ाना सिर्फ 2 घंटे सोता था, फिर भी वह पूरे दिन उर्जावान रहता था।
    • किसी ने बताया कि वह रात भर जागकर काम करता है और दिन में बिल्कुल आराम नहीं करता।
    • एक महिला ने 48 घंटे बिना सोए शॉपिंग की, बिना किसी थकान के।
    • एक मरीज लगातार तीन रातें जागकर नया प्रोजेक्ट शुरू करता रहा, और दिन में भी काम करता रहा।
  7. आर्थिक या सामाजिक जोखिम
    मरीज इस दौरान बड़े आर्थिक निर्णय ले सकते हैं।

    • एक व्यक्ति ने बिना सोचे-समझे अपनी सारी बचत एक नए व्यापार में निवेश कर दी, जिसका कोई भविष्य नहीं था।
    • किसी ने बिना सलाह लिए, अपने घर को गिरवी रखकर कर्ज़ लिया, क्योंकि उसे लगा कि वह बहुत जल्द पैसे कमा लेगा।
    • एक मरीज़ ने अपने सारे क्रेडिट कार्ड से एकसाथ बड़ी-बड़ी खरीदारी कर दी, बिना यह सोचे कि उसे कैसे चुकाना है।
    • एक महिला ने अपना काम छोड़ दिया और कहा, “अब मैं अपना बिज़नेस शुरू करूंगी,” लेकिन कोई योजना नहीं थी।
    • किसी व्यक्ति ने महंगी कार खरीद ली, जबकि उसकी आर्थिक स्थिति इसकी इजाज़त नहीं देती थी।

मैनिया के कारण (Etiology):

मैनिया का कारण कई तरह के कारकों से जुड़ा हो सकता है:

  1. जैविक कारण (Biological Causes)
    मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन जैसे डोपामाइन और सेरोटोनिन की वृद्धि मैनिया को जन्म दे सकती है।
  2. आनुवंशिक कारक (Genetic Factors)
    यदि परिवार में किसी को बायपोलर डिसऑर्डर है, तो मैनिया का जोखिम बढ़ जाता है।
  3. पर्यावरणीय कारक (Environmental Factors)
    जीवन में तनावपूर्ण घटनाएं, जैसे रिश्तों में परेशानी या आर्थिक संकट, मैनिया को ट्रिगर कर सकते हैं।

एपिडेमियोलॉजी (Epidemiology):

मैनिया लगभग 1-2% जनसंख्या को प्रभावित करता है। यह बायपोलर डिसऑर्डर का हिस्सा है, जो आमतौर पर युवावस्था में शुरू होता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों को यह समान रूप से प्रभावित कर सकता है। इसके एपिसोड जीवन में बार-बार आ सकते हैं, खासकर बिना इलाज के।

इतिहास (History):

मैनिया का उल्लेख प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में मिलता है। ग्रीक चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स ने इसे ‘मानसिक उन्माद’ के रूप में वर्णित किया था। जैसे-जैसे चिकित्सा विज्ञान विकसित हुआ, मैनिया को बायपोलर डिसऑर्डर के हिस्से के रूप में समझा जाने लगा। आधुनिक समय में, इसका इलाज बेहतर ढंग से किया जा रहा है, लेकिन जागरूकता की कमी अभी भी एक चुनौती है।

पाथोजेनेसिस (Pathogenesis):

मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन मैनिया के प्रमुख कारणों में से एक है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि हाइपोथैलेमस-पिट्यूटरी-एड्रेनल (HPA) एक्सिस की गड़बड़ी भी मैनिया से जुड़ी हो सकती है। यह शरीर की तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली होती है, जो अगर असामान्य हो जाए तो मैनिया के एपिसोड को ट्रिगर कर सकती है।

परिजनों और देखभालकर्ताओं का व्यवहार:

मैनिया के दौरान मरीज को संभालना कठिन हो सकता है, लेकिन यहां कुछ बातें हैं जो मदद कर सकती हैं:

  1. शांत रहें
    मरीज की स्थिति को समझें और उनके उग्र स्वभाव या चिड़चिड़ेपन पर प्रतिक्रिया न दें। जितना हो सके शांत रहें।
  2. सीमाएं तय करें
    मैनिया के दौरान मरीज जोखिम भरे निर्णय ले सकते हैं। उन्हें प्यार से समझाएं कि कुछ फैसले बाद में लिए जाएं।
  3. मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें
    यदि मैनिया बहुत तीव्र हो जाए, तो बिना देरी के तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें। कुछ स्थितियों में दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।
  4. सुरक्षा का ध्यान रखें
    अगर मरीज खुद को या किसी और को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में हो, तो उन्हें अकेला न छोड़ें और तुरंत मदद लें।

मदद के लिए कैसे संपर्क करें:

यदि आपके परिवार में कोई मैनिया से पीड़ित है, तो देर न करें। समय पर उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। आप तुरंत अपने नजदीकी मनोचिकित्सक से संपर्क करें।

Disclaimer:

यह ब्लॉग केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और यह चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।

– डॉ. रमीज़ शेख, MD

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