Mind & Mood Clinic

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“Couple fighting due to paranoia and mistrust, later receiving therapy.”

“हर बात पर शक, गुस्सा और झगड़ा क्यों होता है?” — जब दिमाग भरोसा करना भूल जाता है

🌿 परिचय (Introduction):

कभी आपने ऐसे व्यक्ति को देखा है जो हर किसी पर शक करता है?
जो छोटी-छोटी बातों में भी “साज़िश” ढूंढ लेता है,
या हमेशा लड़ने-झगड़ने के लिए तैयार रहता है?

ऐसे लोग अक्सर कहते हैं —
“मुझे पता है, ये मेरे खिलाफ़ कुछ कर रहे हैं…”
“सब मुझे गलत समझते हैं…”
“मुझ पर भरोसा क्यों नहीं करते?”

अगर ये बातें आपको जानी-पहचानी लगती हैं,
तो हो सकता है कि ये Paranoid Personality Disorder (PPD) या Suspicious Thinking Pattern का संकेत हो।
यह कोई चरित्र दोष नहीं, बल्कि एक मानसिक स्थिति है — और इलाज योग्य है।


🔍 1. ऐसे लोग कैसे सोचते हैं?

Paranoid व्यक्तियों की सोच का मूल आधार होता है —
“कोई मुझे नुकसान पहुँचा सकता है।”

उन्हें दूसरों की नीयत पर भरोसा करना मुश्किल होता है।
यह सोच उनके दिमाग में इतनी गहराई तक बैठ जाती है कि
हर सामान्य परिस्थिति भी “खतरे” जैसी लगने लगती है।

👉 उदाहरण के लिए —

  • अगर कोई दोस्त कुछ दिनों तक फोन न करे, उन्हें लगता है वो नाराज़ है या प्लान बना रहा है।
  • अगर साथी थोड़ी देर से घर लौटे, तो तुरंत शक कि “किसी और से बात कर रहा होगा।”
  • ऑफिस में, अगर बॉस किसी और को तारीफ़ करे, तो लगता है “मेरे खिलाफ कुछ चल रहा है।”

2. गुस्सा और झगड़ा क्यों होता है?

जब किसी को लगातार लगे कि सब उसके खिलाफ हैं,
तो उसका दिमाग हमेशा ‘फाइट मोड’ में रहता है।

छोटी सी बात भी खतरे जैसी लगती है, और फिर शुरू हो जाता है —
गुस्सा, झगड़ा, बहस, या भावनात्मक दूरी।

यह गुस्सा वास्तव में डर या असुरक्षा का परिणाम होता है।
उनके भीतर एक आवाज़ होती है — “मैं फिर से आहत नहीं होना चाहता।”
लेकिन बाहर से वह गुस्से, शक और कंट्रोल के रूप में दिखाई देता है।


🧩 3. मनोवैज्ञानिक कारण (Psychological Roots):

  • बचपन में बार-बार धोखा या ट्रॉमा
  • अत्यधिक कंट्रोलिंग पैरेंट्स या परिवार में हिंसा
  • कम आत्मसम्मान (Low Self-esteem)
  • Brain chemistry imbalance — serotonin और dopamine में असंतुलन
  • किसी मानसिक विकार जैसे Paranoid Schizophrenia या Delusional Disorder का आरंभिक चरण

❤️ 4. इलाज और सुधार कैसे संभव है?

डॉ. बताते हैं कि ऐसे मामलों में सबसे पहले जरूरी है —
“सुरक्षित थेरेप्यूटिक रिश्ता बनाना।”
क्योंकि ये मरीज सबसे पहले भरोसा करना सीखते हैं।

🩺 उपचार के विकल्प:

  • CBT (Cognitive Behavioral Therapy):
    सोच के पैटर्न को पहचानने और बदलने में मदद करती है।
  • Insight-Oriented Therapy:
    व्यक्ति को समझने में मदद कि उसकी सोच कैसे रिश्तों को प्रभावित कर रही है।
  • Medication (अगर जरूरत हो):
    Anti-anxiety या antipsychotic दवाएं सोच को स्थिर करती हैं।
  • Couple/Family Counselling:
    रिश्तों में विश्वास और संवाद बढ़ाने में मदद।

🌼 5. क्या ये पूरी तरह ठीक हो सकता है?

हाँ, अगर व्यक्ति थेरेपी के लिए तैयार है और परिवार सहयोग करे,
तो काफी सुधार संभव है।
धीरे-धीरे शक की जगह संवाद, सहानुभूति और आत्म-जागरूकता ले लेती है।


📞 Call to Reach:

अगर आप या आपका कोई करीबी हमेशा शक, गुस्सा या झगड़े में उलझा रहता है,
तो आज ही संपर्क करें —

🩺 Dr. Rameez Shaikh, MD (Psychiatrist & Counsellor)
Mind & Mood Clinic, Nagpur (India)
📞 +91-8208823738

यह बातचीत आपके या आपके रिश्तों के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।


⚖️ Disclaimer:

यह ब्लॉग केवल शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है।
यह किसी व्यक्तिगत चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।
कृपया निदान और उपचार के लिए अपने मनोचिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
© Dr. Rameez Shaikh, Mind & Mood Clinic, Nagpur

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