Mind & Mood Clinic

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A person having a conversion disorder episode with family and doctor present.

कन्वर्जन डिसऑर्डर : जब मन शरीर के माध्यम से बोलता

“डॉक्टर, ये मिर्गी जैसा लगता है, लेकिन मिर्गी नहीं है!”

एक युवती को उसके परिवार वाले घबराकर मेरी क्लिनिक में लाए। उसे अचानक चक्कर आया, वह गिर गई, उसकी आंखें ऊपर चढ़ गईं, शरीर अकड़ गया और दांत भींचने लगी। सभी को लगा कि यह मिर्गी (Epilepsy) का दौरा है। लेकिन जब EEG और MRI जैसी जांचें सामान्य निकलीं, तो यह स्पष्ट हो गया कि यह कन्वर्जन डिसऑर्डर (जिसे फ़ंक्शनल न्यूरोलॉजिकल सिम्पटम डिसऑर्डर या छद्म मिर्गी भी कहा जाता है) है।

यह स्थिति बहुत रोचक है—और अक्सर गलत समझी जाती है।


कन्वर्जन डिसऑर्डर क्या है?

जब मानसिक तनाव या भावनात्मक संघर्ष शारीरिक लक्षणों के रूप में प्रकट होते हैं, तो इसे कन्वर्जन डिसऑर्डर कहा जाता है। यह तब होता है जब मनोवैज्ञानिक तनाव शरीर के कार्यों को बाधित करने लगता है।

मिर्गी के विपरीत, छद्म मिर्गी (Psychogenic Nonepileptic Seizures या PNES) में मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि असामान्य नहीं होती। यह मस्तिष्क की तनाव से निपटने की एक स्वचालित प्रतिक्रिया होती है।


कन्वर्जन डिसऑर्डर के लक्षण

यह विकार किसी व्यक्ति की गति, संवेदना या चेतना को प्रभावित कर सकता है। इसके सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

1. मिर्गी जैसे दौरे (PNES)

  • बेहोशी, प्रतिक्रिया न देना
  • शरीर में झटके या अकड़न
  • आँखें ऊपर चढ़ना, दांत भींचना
  • दौरे के बाद कोई मानसिक भ्रम नहीं (जो मिर्गी में होता है)

2. गति-संबंधी लक्षण

  • किसी अंग में कमजोरी या लकवा
  • कंपकंपी, चलने में कठिनाई
  • अनियंत्रित झटके या ऐंठन

3. संवेदनशीलता से जुड़े लक्षण

  • शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन
  • देखने या सुनने की क्षमता का अस्थायी रूप से खो जाना
  • बोलने में परेशानी (मनोवैज्ञानिक मूकता)

4. अन्य लक्षण

  • अचानक चक्कर आना और गिरना
  • निगलने में कठिनाई
  • भावनात्मक तनाव के कारण दौरे

यह लक्षण असली होते हैं। मरीज इसे जानबूझकर नहीं करता, बल्कि यह अवचेतन मस्तिष्क की प्रतिक्रिया होती है।


महामारी विज्ञान: यह किन्हें प्रभावित करता है?

  • महिलाओं में यह अधिक सामान्य है।
  • आमतौर पर किशोरावस्था और युवा वयस्कता में शुरू होता है।
  • अत्यधिक तनाव, बचपन में आघात, या दुरुपयोग से जुड़ा होता है।
  • अक्सर डिप्रेशन, एंग्जायटी, PTSD, या पर्सनालिटी डिसऑर्डर से प्रभावित लोगों में पाया जाता है।
  • उन समाजों में अधिक जहां भावनाओं को दबाने की प्रवृत्ति होती है

इतिहास और विकास

  • प्राचीन काल में इसे “हिस्टीरिया” कहा जाता था और इसे महिलाओं की बीमारी माना जाता था।
  • सिगमंड फ्रायड ने इसे अवचेतन संघर्षों से जोड़ा और इसे कन्वर्जन डिसऑर्डर कहा।
  • आज, इसे एक न्यूरोलॉजिकल-फंक्शनल डिसऑर्डर माना जाता है, जो मस्तिष्क की अस्थायी कार्यात्मक गड़बड़ी के कारण होता है।

रोग की उत्पत्ति (Pathogenesis)

मस्तिष्क, तनाव को शारीरिक लक्षणों में बदल देता है। इसे एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी (software glitch) की तरह समझ सकते हैं, जिसमें मस्तिष्क अस्थायी रूप से “क्रैश” हो जाता है।

अध्ययन बताते हैं कि:

  • भावनाओं को नियंत्रित करने वाले क्षेत्र (Limbic System) अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
  • मस्तिष्क के मूवमेंट कंट्रोल वाले हिस्से में असंतुलन आ जाता है।
  • फंक्शनल MRI दिखाती है कि यह जानबूझकर नहीं होता, बल्कि मस्तिष्क की स्वचालित प्रतिक्रिया होती है

इलाज और मैनेजमेंट

1. साइकोएजुकेशन (शिक्षा और समझ)

परिवार और मरीज को यह समझाना ज़रूरी है कि “यह असली है, लेकिन दिमाग की क्षति से नहीं, बल्कि तनाव की प्रतिक्रिया से हो रहा है।”

2. मनोचिकित्सा (Psychotherapy)

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) – तनाव को पहचानने और उससे निपटने के लिए।
ट्रॉमा थेरेपी – अगर मरीज को बचपन में कोई मानसिक आघात हुआ हो।
सांस लेने की तकनीकें, योग और रिलैक्सेशन थेरेपी

3. फिजिकल और ऑक्युपेशनल थेरेपी

  • सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू करने में मदद करता है।

4. दवाइयाँ (यदि आवश्यक हो)

  • एंटीडिप्रेसेंट (Fluoxetine, Sertraline) – अगर मरीज को एंग्जायटी या डिप्रेशन हो।
  • मूड स्टेबलाइज़र – अगर मरीज को मूड से जुड़ी समस्या हो।

5. परिवार की भूमिका

संवेदनशील बनें लेकिन जरूरत से ज्यादा ध्यान न दें
तनाव के कारणों को पहचानें और सुधारें
मनोचिकित्सा को प्रोत्साहित करें
मरीज को सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करें


अंतिम विचार

कन्वर्जन डिसऑर्डर यह दर्शाता है कि हमारे मन और शरीर कितने गहरे जुड़े हुए हैं। जब भावनाओं को दबाया जाता है, तो शरीर उसे बाहर निकालता है।

यदि आप या आपका कोई प्रियजन इससे पीड़ित है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।

📞 मनोवैज्ञानिक सहायता चाहिए? संपर्क करें माइंड एंड मूड क्लिनिक, नागपुर
📍 डॉ. रमीज़ शेख, एम.डी. (मनोचिकित्सक एवं परामर्शदाता)
📞 +91-8208823738


डिस्क्लेमर:

यह ब्लॉग केवल जानकारी के लिए है। सटीक निदान और उपचार के लिए किसी योग्य मनोचिकित्सक से सलाह लें।

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