Mind & Mood Clinic

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🖼️ Alt Text: "एक भारतीय महिला माइंडफुलनेस अभ्यास करते हुए, दवा को अंतिम विकल्प मान रही है।

डिप्रेशन और एंग्जायटी की दवा से तंग आ चुका हूँ… क्या बिना दवा इलाज संभव है?

“पिछली बार दवा ली थी, लेकिन… वजन बढ़ गया, हर वक्त सुस्ती रहने लगी। अब और नहीं!”

कई मरीजों की तरह आकाश (बदला हुआ नाम) भी मेरे क्लिनिक में आए और सीधे बोले,
“डॉक्टर साहब, अब दवा नहीं खानी। मुझे हर वक्त नींद आती है, वजन बढ़ गया है और मैं पहले जैसा नहीं रहा। कोई और तरीका है?”

अगर आप भी ऐसा महसूस कर रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं।

क्या एंग्जायटी और डिप्रेशन का इलाज बिना दवा संभव है?

हाँ, हर केस में दवाइयाँ ज़रूरी नहीं होतीं। लेकिन सही तरीका अपनाना ज़रूरी है।

बिना दवा इलाज के लिए ये विकल्प कारगर हो सकते हैं:
Cognitive Behavioral Therapy (CBT) – सोच बदलो, जीवन बदलो
माइंडफुलनेस और मेडिटेशन – अपने विचारों को काबू में लाना सीखें
लाइफस्टाइल चेंज – अच्छी नींद, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज़
सोशल कनेक्शन और थेरेपी – अकेले मत रहिए, खुलकर बात करें
नेचुरल सप्लीमेंट्स – कुछ मामलों में विटामिन्स और हर्बल थेरेपी मददगार हो सकती हैं

“मुझे ऐसा क्यों महसूस हो रहा है?”

जब आप लगातार चिंता में रहते हैं, तो दिमाग में Serotonin और Dopamine जैसे न्यूरोट्रांसमीटर्स असंतुलित हो जाते हैं।
यही वजह है कि आप खुद को कमज़ोर, डरे हुए या निराश महसूस करते हैं।

दवाइयाँ इस असंतुलन को ठीक कर सकती हैं, लेकिन वे इकलौता उपाय नहीं हैं।

“तो अब मुझे क्या करना चाहिए?”

1️⃣ साइकोथेरेपी (Counselling & Therapy) लें

🧠 Cognitive Behavioral Therapy (CBT) एक साइंटिफिक तरीका है, जिससे आपके नेगेटिव विचार बदल सकते हैं।
यह आपको चिंता और डिप्रेशन को काबू में रखना सिखाता है।

2️⃣ लाइफस्टाइल को सुधारें

🥦 डाइट – हेल्दी खाना, खासकर ओमेगा-3 और मैग्नीशियम युक्त फूड्स एंग्जायटी को कम कर सकते हैं।
🏋️‍♂️ एक्सरसाइज़ – रोज़ाना 30 मिनट वॉक भी मूड सुधार सकता है।
🛌 नींद – कम से कम 7-8 घंटे सोना बेहद ज़रूरी है।

3️⃣ माइंडफुलनेस और मेडिटेशन अपनाएँ

🧘 योग और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ तनाव कम करने में बहुत मददगार होते हैं।

4️⃣ सोशल कनेक्शन बनाए रखें

👥 अकेले मत रहिए! परिवार और दोस्तों से बातें करें, अपने अनुभव शेयर करें।

5️⃣ अगर ज़रूरत हो, तो अल्टरनेटिव थेरेपी ट्राई करें

🌿 कुछ मामलों में नेचुरल सप्लीमेंट्स मदद कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।


लेकिन अगर कुछ भी काम न करे, तो क्या करें?

जब सब उपाय असफल हो जाएँ, तो दवा एक ज़रूरी विकल्प बन जाती है।

गंभीर मामलों में दवा कारगर हो सकती है।
अगर आपको बार-बार पैनिक अटैक, बेहद उदासी, या खुद को नुकसान पहुँचाने के विचार आ रहे हैं, तो दवा ज़रूरी हो सकती है।

आधुनिक दवाइयाँ हल्के और सुरक्षित होती हैं।
आजकल के इलाज में साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए कम खुराक में सही दवा दी जाती है।

दवा और थेरेपी का संयोजन सबसे असरदार है।
कई शोध बताते हैं कि थेरेपी और दवा मिलकर अधिकतर मरीजों को बेहतर महसूस कराने में मदद करते हैं।

अगर आपको गंभीर परेशानी है, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।


“क्या डॉक्टर की मदद लेने से फायदा होगा?”

“हाँ, और ज़रूरी भी है!”

अगर आपकी एंग्जायटी या डिप्रेशन ज़्यादा गंभीर है, तो एक अनुभवी मनोचिकित्सक या काउंसलर की मदद लेना ही सबसे अच्छा तरीका है।

डॉ. रमीज़ शेख (Psychiatrist & Counsellor) आपकी कैसे मदद कर सकते हैं?

✅ साइकोथेरेपी से आपको बेहतर महसूस कराने में मदद करेंगे।
✅ बिना दवा के संभावित इलाज के ऑप्शन देंगे।
✅ सही लाइफस्टाइल और माइंडफुलनेस तकनीकों पर गाइड करेंगे।
✅ अगर दवा की ज़रूरत हो, तो सबसे हल्की और बिना साइड इफेक्ट वाली थेरेपी देंगे।


कॉल टू एक्शन – मदद लें!

अगर आप भी बिना दवा के एंग्जायटी और डिप्रेशन से बाहर आना चाहते हैं, या गंभीर लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो आज ही संपर्क करें।

📍 Mind & Mood Clinic, Nagpur (India)
👨‍⚕️ Dr. Rameez Shaikh, MD (Psychiatrist & Counsellor)
📞 +91-8208823738


Disclaimer (अस्वीकरण)

यह लेख केवल जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या के लिए कृपया प्रमाणित मनोचिकित्सक से सलाह लें।


अगर आपको यह लेख पसंद आया हो और मददगार लगे, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें! 😊

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